विश्व कल्याण मिशन ट्रस्ट द्वारा टाउनहाल उरई के सामने प्रदर्शनी ग्राउण्ड में आयोजित श्रीराम कथा श्रवण करते हुए कथा व्यास बापू चिन्मयानंद महाराज ने कहा कि श्रीराम कथा मनुष्य को मर्यादित और हैं संस्कारित जीवन जीना सिखलाती है। प्रदर्शनी ग्राउंड टाउन हॉल के सामने के प्रारंभ हुई श्रीराम कथा के प्रथम दिवस संत चिन्मयानंद बापू ने कथा का । शुभारंभ एवं दीप प्रजनन करते हुए कहां कि श्रीराम चरितमानस कलयुग में साक्षात कल्पवृक्ष है जिसकी सानिध्य में बैठने पर व्यक्ति की हर मनोकामनाएं हुत पूर्ण होती है। कथा व्यास ने श्रीराम चरित मानस का महत्व बतलाते कहा कि बरी श्रीराम कथा हमें बताती है कि आदर्श जीवन कैसे जिया जाये आज समाज के में अनेकों विसंगतियां पैदा हो गयी है जिनका निवारण आत्मज्ञा और वैचारिक से मंथन से ही संभव है। दूसरों को उपदेश देने वाले तो बहुत मिल जायेंगे लेकिन न वे स्वयं को नहीं देखते। उन्होने कहा कि अपने आपको सुधारो तो दुनियां सुधर बत जायेगी।
बापू ने कहा कि आज के युग में रामचरितमानस अति आवश्यक है तो हमारे जीवन के प्रत्येक किरदार किस तरह से हमें निभाना है यह शिक्षा हमें प्रभु राम के जीवन चरित्र से मिलती है किस तरह मार्यादित जीवन जिकर भी समाज में राम राज्य की स्थापना हो वह हमें रामचरितमानस से सीखने को मिलता है बापू ने कथा के शुभारंभ में वंदना प्रकरण की कथा सुनाते हुए गुरु की वंदना की और कहा कि मानस में गुरु की चौपाई के माध्यम से सबसे पहले वंदना की गई गुरु साक्षात हमारे जीवन में परमात्मा का स्वरूप है हमें अपने जीवन में किसी व्यक्ति को गुरु नहीं मानना चाहिए और यदि कोई व्यक्ति हमारा गुरु हो गया है तो फिर उसे साधारण मनुष्य समझना यह अपराध है क्योंकि गुरु तो साक्षात परमात्मा का स्वरूप है बापू ने कहा कि गुरु से भी ज्यादा महत्व रामचरितमानस में गुरु के चरणों की रज का है जो कि हमारे मोक्ष के लिए पर्याप्त है इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में गुरु अवश्य बनाना चाहिए। इस मौके पर कथा पारीक्षत रामजीलाल सेठ व कमला सेठ, बृजकिशोर गुप्ता शरद शर्मा प्रदीप पुरवार सुरेश पुरवार शैलेंद्र गुप्ता विनायक दिलीप गुप्ता रामू महेंद्र गुप्ता श्याम शर्मा जेपी राजपूत सत्य प्रकाश गुप्ता कालू सेठ के साथ मुख्य यजमान के रूप में रामजी लाल गुप्ता और कमला गुप्ता और आशीष शिवहरे उपस्थित रहे।
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