आज वर्तमान समय में प्रायः यह देखा जा सकता है की हम अपने मूल स्वरूप को भूलकर इस नश्वर जगत को ही तादात्मय कर है जो की सिर्फ दुःख और पीड़ा ही देता है।
किसी भी विषय का ज्ञान उसके अशक्ति और मोह को नष्ट कर देता है।क्न्योकि मोह ही सभी दुखो का कारण है। और मोह का अर्थ है अज्ञान। वास्तव में देखा जाये तो ये अज्ञानता ही हर जीव को दुखी करती है। इसलिए जीव यदि ज्ञान को उपलब्ध हो जाये तो तत्क्षण जीव को परम् विश्राम , परम् सुख, परम् आनंद की प्राप्ति हो सकती है।