गाय भारतीय संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। गाय को न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि आर्थिक और पर्यावरणीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। विश्व कल्याण मिशन ट्रस्ट (वीकेएमटी) ने इसी सोच को ध्यान में रखते हुए अपनी गौशाला दान अभियान शुरू की है, जिसका उद्देश्य गोसंरक्षण के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था और पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा देना है।
विवाह किसी भी व्यक्ति के जीवन की एक महत्वपूर्ण घटना होती है, जो परिवारों और समुदायों को एक साथ लाती है। हालांकि, भारत के कई हिस्सों में, विवाह से जुड़ी वित्तीय बोझ आमतौर पर कमज़ोर परिवारों के लिए बहुत भारी हो सकता है। इस चुनौती को पहचानते हुए, विश्व कल्याण मिशन ट्रस्ट (वीकेएमटी) जैसे संगठन सामूहिक कन्या विवाह जैसी पहलों के माध्यम से इस बोझ को कम करने के लिए सराहनीय कदम उठा रहे हैं।
विश्व कल्याण मिशन ट्रस्ट द्वारा चलाया जा रहा अन्न दान अभियान न केवल भूखों को भोजन प्रदान करता है, बल्कि समाज में प्रेम, सद्भावना और मानवता की भावना को भी प्रबल करता है।
हिंदू धर्म में अन्न दान को सबसे बड़ा दान माना गया है। भूख केवल शारीरिक कष्ट नहीं है, बल्कि यह मानसिक और आत्मिक कष्ट भी देती है। अन्न दान के माध्यम से हम न केवल भूख मिटाते हैं, बल्कि आत्मा की शांति और तृप्ति भी प्रदान करते हैं।
पूज्य बापूजी का मानना है कि सेवा का सबसे उत्तम रूप वही है जिसमें निस्वार्थ भाव से दूसरों की भलाई की जाए। उनका कहना है, “अन्न दान केवल पेट भरने का साधन नहीं है, यह आत्मा की तृप्ति का भी माध्यम है। जब हम किसी भूखे को भोजन कराते हैं, तो हम उनके भीतर के इंसान को सम्मान देते हैं, और यह हमारे समाज को मजबूत बनाता है।”
16 से 22 अप्रैल 2024 तक, गीताजोल मैरिज गार्डन में आयोजित श्रीमद भागवत कथा ने लोगों को आत्मिक अनुभव के साथ-साथ धार्मिक शिक्षा का महत्वपूर्ण संदेश दिया। इस अद्भुत उत्सव ने न केवल आत्मिक अनुभव का मार्ग प्रशस्त किया, बल्कि समाज को एकता और सेवा के माध्यम से जोड़ा।
विश्व कल्याण मिशन ट्रस्ट द्वारा टाउनहाल उरई के सामने प्रदर्शनी ग्राउण्ड में आयोजित श्रीराम कथा श्रवण करते हुए कथा व्यास बापू चिन्मयानंद महाराज ने कहा कि श्रीराम कथा मनुष्य को मर्यादित और हैं संस्कारित जीवन जीना सिखलाती है।
महाशिवरात्रि (Maha Shivratri) का पर्व हर साल फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। हिंदू धर्म में इस पर्व का विशेष महत्व है, इस दिन बाबा भोलेनाथ और मां पार्वती की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती (Goddess Parvati) का विवाह हुआ था।
राष्ट्रीय संत श्री चिन्मयानंद बापू आने वाली 2-8 मार्च 2024 तक उरई में 'श्री राम कथा' करेंगे। यह उनकी 563 वी कथा होगी। इसके लिए तीर्थ क्षेत्र प्रदर्शनी ग्राउण्ड टाउन हॉल के सामने, स्टेशन रोड, उरई क्षेत्र में भव्य पांडाल का निर्माण करवाया गया है. पहले दिन 2 मार्च को कथा दोपहर 1 बजे से होगी।
प्रदर्शनी ग्राउंड टाउन हॉल के सामने प्रारंभ हुई श्री राम कथा के प्रथम दिवस में विश्व विख्यात परम पूज्य संत श्री चिन्मयानंद बापू जी ने कथा का शुभारंभ एवं दीप प्रज्जवलन करते हुए कहा कि श्री रामचरितमानस कलयुग में साक्षात कल्पवृक्ष है जिसकी सानिध्य में बैठने पर व्यक्ति की हर मनोकामनाएं पूर्ण होती है।